दुर्ग

संभागायुक्त राठौर ने न्यायालयीन आदेश पारित कर अपराधी को केन्द्रीय जेल दुर्ग में निरूद्ध करने दिये आदेश

दुर्ग | दुर्ग संभाग के आयुक्त सत्यनारायण राठौर ने पुलिस अधीक्षक दुर्ग के प्रतिवेदन पर स्वापक, औषधि और मनःप्रभावी पदार्थ अवैध व्यापार, निवारण अधिनियम-1988 की धारा-3 सहपठित धारा-11 के तहत न्यायालयीन आदेश पारित कर आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त नंदू कनौजिया पिता गोपाल कनौजिया निवासी यादव चौक रूआबांधा बस्ती भिलाई जिला दुर्ग को 06 माह के लिए केन्द्रीय जेल दुर्ग में निरूद्ध करने आदेशित किया है।

 आदेश पारित करने के पूर्व संभाग आयुक्त द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत जवाब/तर्क, न्याय दृष्टांतों एवं शपथपूर्वक कथन का अध्ययन तथा प्रकरण में प्रस्तुत ईश्तगासा मय दस्तावेजों का अवलोकन किया गया। तथ्य के अनुसार नंदू कनौजिया के विरूद्ध आबकारी एक्ट के कुल 07 मामले और नारकोटिक्स एक्ट के 04 मामले दर्ज कर कार्यवाही की गई है। इसके अलावा लड़ाई, झगड़ा एवं मारपीट के भी मामले लगातार दर्ज होते रहे हैं।

जेल से छूट जाने के पश्चात् लगातार आपराधिक गतिविधियों में संलप्ति रहा है। उसकी प्रवृत्ति में कोई सुधार नहीं हुई है। वर्तमान में भी शराब व गांजा सहित अन्य मादक पदार्थ बेचने की शिकायत लगातार मिलती रही है। स्वतंत्र साक्षी के कथन से यह सत्य प्रकाश में आया है कि नंदू कनौजिया रूआबांधा क्षेत्र में हर मोहल्ले में लड़कों का गेंग बना कर रखा है। जमानत पर न्यायालय से छूट जाने से उसका मनोबल बढ़ता जा रहा है।

वह अवैध रूप से शराब व गांजा जैसे नशीली पदार्थों का अवैध व्यापार करने का आदी हो गया है। उनके आपराधिक गतिविधियों से समाज में रहने से विपरीत प्रभाव पड़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। ऐसी स्थिति में प्रकरण में आये प्रतिवेदन, जवाब, साक्षियों के बयान एवं तर्क के आधार पर उसे जेल में निरूद्ध किया जाना आवश्यक है।

ज्ञात हो कि पुलिस अधीक्षक दुर्ग के प्रतिवेदन के अनुसार अनावेदक के द्वारा आदतन अपराध घटित करने के कारण इस पर अंकुश लगाने प्रतिबंधक धाराओं के तहत कार्यवाही की गई। इसके बाद भी इसकी आदतों में कोई सुधार परिलछित नहीं हुआ, बल्कि ये अपराधी बन गया है।

 आम जनता में इसके आतंक से भय व्याप्त हो गया है। लोग इसके विरूद्ध रिपोर्ट करने की साहस करना तो दूर इसकी उपस्थिति की सूचना देने तक के लिए घबराते हैं। अनावेदक के विरूद्ध थाना दुर्ग में 16 विभिन्न अपराधिक प्रकरण दर्ज है।

 पुलिस द्वारा आपराधिक एवं प्रतिबंधात्मक कार्यवाही कर पृथक-पृथक न्यायिक दण्डाधिकारी एवं कार्यपालिक दण्डाधिकारी के न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किये गये। अनावेदक के विरूद्ध इसके भय एवं आतंक के कारण कोई भी जन साधारण न्यायालय में गवाही देने से बचता है। संभागायुक्त राठौर ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए 06 नवम्बर 2024 को न्यायालयीन आदेश पारित कर अपराधिक प्रवृत्ति में संलिप्त नंदू कनौजिया को केन्द्रीय जेल दुर्ग में निरूद्ध करने के आदेश दिये हैं।

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