Uncategorized

पुराने वाहनों को अनुपयोगी घोषित करने का नियम आम जनता के साथ अन्याय

(सत्यम जायसवाल)

हरित अधिकरण (एन.जी.टी.) द्वारा सभी दोपहिया एवं चौपहिया वाहनों के लिए 15 वर्ष के बाद उन्हें अनुपयोगी घोषित करने का नियम लागू किया गया है। यह नियम व्यवसायिक वाहनों के संदर्भ में उचित हो सकता है, क्योंकि इनका अत्यधिक उपयोग होता है और पर्यावरण पर अधिक प्रभाव पड़ता है। लेकिन निजी उपयोग वाले घरेलू वाहन आमतौर पर बहुत कम चलाए जाते हैं और उनके रखरखाव का विशेष ध्यान रखा जाता है। आम नागरिक अपने वाहनों की देखभाल उतनी ही बारीकी से करते हैं, जितनी अपने शरीर की। यदि वाहन के किसी पार्ट में खराबी आ जाती है तो उसे बदला जा सकता है, पूरे वाहन को अनुपयोगी घोषित करना तर्कसंगत नहीं है।

 

इस नियम के कारण आम जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा। लोग वर्षों तक कठिन परिश्रम कर, पैसे बचाकर एक वाहन खरीदते हैं ताकि परिवहन की भीड़भाड़ से बच सकें और अपने परिवार की सुविधा सुनिश्चित कर सकें। यह नियम उन नागरिकों के लिए बहुत बड़ा अन्याय है, जो सीमित संसाधनों में अपनी जरूरतों को पूरा करने का प्रयास करते हैं। सिर्फ कुछ घंटों की मीटिंग में इस तरह के कठोर फैसले लेना जनता के हितों की अनदेखी करना है। सरकार को यह समझना चाहिए कि हर परिवार के लिए नया वाहन खरीदना आसान नहीं है।

 

इसलिए, सभी नागरिकों को एकजुट होकर इस नियम के विरुद्ध आवाज उठानी चाहिए। सरकार को इस नियम पर सहानुभूतिपूर्वक पुनर्विचार करना चाहिए और इसे संशोधित करना चाहिए, ताकि आम जनता पर अनावश्यक आर्थिक दबाव न पड़े। जनता को चाहिए कि वह अपने अधिकारों के लिए खड़ी हो और सरकार तक अपनी आवाज़ पहुंचाए, ताकि यह नियम संशोधित होकर एक न्यायसंगत समाधान निकल सके।

 

State Mirrors

statemirrors.com छत्तीसगढ़ आधारित न्यूज़ पोर्टल है, जो राजनीति, शिक्षा, खेल, मनोरंजन और स्थानीय खबरों की ताज़ा व विश्वसनीय जानकारी प्रदान करता है।
Back to top button