कवर्धाछत्तीसगढ़देश

करोड़ों खर्च के बाद भी नहीं सुधर रही नवीन बाजार की स्थिती

बरसात में पानी निकासी की जगह नहीं,नाली जाम,कई जगह अवैध कब्जा

कवर्धा-
जिला मुख्यालय में संचालित नवीन बाजार की तस्वीर नहीं सुधर पा रही है। बाजार के नाम पर अब तक करोड़ों रूपये खर्च हो गए है। लेकिन कुछ खास नहीं हो सका है। आज भी चबूतरों का निर्माण नहीं हुआ है। लिहाजा फूटकर सब्जी व्यापारी सड़क में बैठकर सब्जी बेचने को मजबूर हैं। सूखे के मौसम में तो जैसे तैसे काम निकल जाता है। लेकिन बारिश में दिक्कत होती है,लेकिन इससे किसी को कोई सरोकार नहीं रह गया है। शाम को इस रास्ते पर चलना मुश्किल रहता है। पूरा रास्ता जाम हो जाता है।

0
नवीन बाजार का साल 1989-90 से चल रहा है,जब इसे गांधी मैदान से ह़टाकर नवीन बाजार के नाम पर दूसरी इस जगह में शिफ्ट किया गया। धीरे-धीरे ठेले,गुमटी,झोपड़ी कुछ कच्चे-पक्के निर्माण कार्य कर दुकान संचालित हो रहा था। साल 2003 में प्रदेश में जब भाजपा की सरकार बनी डॉ रमन सिंह मुख्यमंत्री बने तो इसे संवारने के लिए और तेजी से काम शुरू किया गया। साल 2004 से इसमें काम चल रहा है,जो अब भी चल ही रहा है। कुछ खास कहने के लिए 21 साल बाद भी भाजपा के लिए कुछ नहीं है। अधिकांश दुकानें आज भी विवादित बना हुआ है। चुड़ी बाजार की दुकानें सड़ गई,पर निलामी नहीं हो सकी,बाजार कबाड़ में तब्दील हो गया है। आज के हालात में कोई नवीन बाजार के अंदर जाना पसंद नहीं करता है। जैसे-तैसे कर व्यापारी काम चला रहे है। जिन्हें जरूरी या मजबूरी होती है,वहीं बाजार के भीतर प्रवेश कर रहा है।
0
नवीन बाजार कहने को तो नवीन है,पर हालात प्राचीन से कम नहीं है। यहां आज भी ड्रेनेज सिस्टम व्यवस्थित नहीं बन सका है। पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। हल्की बारिश में नवीन बाजार परिसर जलमग्न हो जाता है। पानी भरने से छोटे व्यापारियों को अपना सामान समेटना पड़ता है। बारिश के बाद पानी कुछ कम होता है,तो परिसर में कीचड़ फैल जाता है। पानी निकासी के लिए बने नाली या तो जाम है,या पूरी तरह से पट गए है। या फिर व्यापारियों के द्वारा कब्जा कर सामान रखा जा रहा है। जिसे सुधारने की दिशा में काम नहीं होता है। लोगों की मजबूरी ही कहें कि वे नवीन बाजार खरीदारी के लिए जाते है।
0
कवर्धा के लोहारा नाका से लेकर गुरू तेगबहादुर चौक तक अघोषित रूप से सब्जी बाजार लगता है। जो सालों से चल रहा है,आज बी यहां दुकानें लग रही है। दोपहर बाद इस एक किमी के सड़क को पार करने में पसीनें छूट जाते है। लोग दोपहर के बाद इस रास्ते से नहीं जाते है। केवल जिन्हें सब्जी खरीदनी होती है,वो ही नवीन बाजार का रास्ता तय करते हैं। दोनों ओर जमीन पर दुकानें लगी रहती है,कुछ जगह पर ठेले में सब्जी बेचा जाता है। दुकान किनारे ही बाइक खड़ी कर खरीदारी करते है,पास में कोई पार्किंग स्थल भी नहीं है। वो तो कुछ साल पहले सीसी सड़क चौड़ी बन जाने से कुछ हद तक राहत है,नहीं तो कीचड़ के बीच ही जमीन में बैठकर सब्जी बेचना व खरीदना पड़ रहा था। अब देखना होगा कि जिम्मेदार इस दिशा में कोई करते है या फिर वैसे का वैसे ही रहने वाला है।
0000000000

State Mirrors

statemirrors.com छत्तीसगढ़ आधारित न्यूज़ पोर्टल है, जो राजनीति, शिक्षा, खेल, मनोरंजन और स्थानीय खबरों की ताज़ा व विश्वसनीय जानकारी प्रदान करता है।
Back to top button