*न तो कमल, न ही पंजा* *भारी* *नगर में निर्दलीय का* *गिलास भारी* *दिखाई दे रहा है*
जायसवाल वर्ग का एवं अन्य वर्ग समर्थन भी गिलास पर

कटघोरा (सत्यम जायसवाल ) कोमल जायसवाल को कांग्रेस पार्टी से टिकट नही मिलने से नाराज़ होकर निर्दलीय प्रत्याशी बनकर मैदान में उतरने की मन में ठान लिया।निर्दलीय अध्यक्ष पद के लिए मैदान में उतर गया।उससे पहले अपने समाज को बैठक लेकर समर्थन भी ले लिया।इनके साथ साथ अन्य समाजों का भी समर्थन ले लिया।
ये राष्ट्रीय दलों के उम्मीदवारों पर भारी पड़ सकते हैं।कांग्रेस के प्रबल दावेदार थे, कोमल जायसवाल, को टिकट न देकर कांग्रेस असमंजस में है।
ऐसा हम नही कह रहे हैं ये नगर में चर्चा का विषय है।
हालांकि कांग्रेस का चुनावी दावेदार को कम नही आंका जा रहा है,इनके समर्थन में पूरा कांग्रेसी कुनबा पूरी ताकत के साथ जुटा हुआ है। कोमल जायसवाल का पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ना कांग्रेस के लिए बड़ी क्षति भी मानी जा रही है।निजी सूत्रों का कहना है कि निर्दलीय प्रत्याशी कोमल जायसवाल का चुनाव लड़ना कांग्रेस प्रत्याशी को हराना है।
इसमे कोई दो रॉय नही है कि निर्दलीय प्रत्याशी कोमल जायसवाल भाजपा के उम्मीदवार पर आत्मा नारायण पटेल पर भी भारी पड़ेंगे।आत्मा नारायण पटेल सीधा साधा किसान परिवार से जुड़ा हुआ है।पेशे से वकील भी है। नगरीय निकाय में उपाध्क्छ भी रह चुका हैं इनकी छबि भी अच्छी है।फिर भी लोगो को रुझान को कोई नहीं समझ सकता।
कोमल के समर्थन में कलार समाज ही नही वरन इनको अन्य समुदायों साहू,मुस्लिम केवट ब्राम्हण ,पटेल कुछ व्यवसाई वर्ग
का भी बड़ा समर्थन मिल रहा है। एक व्यापारी होने के नाते बाजार में लोगो से इनका व्यवहार ठीक भी है। जिस कारण इनकी लोकप्रियता पूरे नगर में चर्चा भी है।हालांकि पार्टी ने इनको उम्मीदवार तय नही किया लेकिन ये निर्दलीय तौर पर भी किसी से कम नही है।इनके पास कार्यकर्ताओ की बड़ी फ़ौज है, लगातार 12, घंटे सेवा कार्य कर रहे हैं। 2025 के नगरीय निकाय चुनाव में प्रत्याशियो को प्रचार प्रसार हेतु बेहद कम समय प्राप्त हुआ है।
ऐसे में उम्मीदवारों के नैया पार कार्यकर्ता ही करा सकेंगे।वही कोमल जायसवाल के कार्यकर्ता पूरी निष्ठा व ईमानदारी से कार्य कर रहे है।
तीनों प्रत्याशियों को कम नही आंका जा रहा है।मुकाबला त्रिकोणीय स्थिति स्थिति दिखाई दे रहा है।कांग्रेस प्रत्याशी राज जायसवाल के लिए निर्दलीय प्रत्याशी कोमल जायसवाल का चुनाव लड़ना बड़ा नुकसान प्रतीत होता है। क्योंकि कोमल कांग्रेसी वोट का सफाया करेंगे।
इधर नगर में जायसवाल बाहुल्य वर्ग है
जायसवाल वर्ग अधिकांश बीजेपी का समर्थक माने जाते है।
सबसे अधिक वोट उन्हीं वर्ग लोगो का है। क्योंकि जायसवाल वर्ग एकजुट होकर समाज को आगे बढ़ाने की बात सोच रहे हे।
ऐसे में भाजपा प्रत्याशी को इसका बड़ा नुकसान हो सकता है।
राष्ट्रीय दलों के प्रत्याशियो को लेकर इनके परिवार में भीतर घात भी जारी है।दोनों ही पार्टियों में प्रत्याशी को लेकर अंदरूनी कलह किसी से छुपी नहीं है, हालांकि इनका परिवार अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन में जरूर जुटा है।ऐसे में निर्दलीय प्रत्याशी को बड़ा लाभ मिल सकता है, नगर में चर्चा है कि निर्दलीय प्रत्याशी का पार्टी से बगावत कर चुनाव लड़ना कांग्रेस प्रत्याशी को नुकसान पहुचाना है।
अब मतदाता का क्या निर्णय है यह तो मतगणना के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा।
इस बार का चुनाव रोमांचक है।