
कवर्धा-
जिले में एक के बाद एक हो रहे हत्या ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। खासकर बुजुर्गों को निशाना बनाया जा रहा है । जिनमें और दुख की बात ये भी है कि उन्हें कोई बाहरी नहीं मार रहे है। बल्कि उनके ही परिवार के लोग,खून के रिश्ते लहूलुहान कर कर रहे हैं।
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जिले के अलग-अलग थानाक्षेत्रों में हाल ही में जो तीन हत्याएं हुई है,उनमें से दो की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। जिनमें हत्यारा कोई नहीं बल्कि मृतकों के बेटा व पोता ही निकला है। तीसरे हत्या में भी अपने शामिल हो सकते है,क्योंकि वहां भी जमीन विवाद की बातें सामने आ रही है। पुलिस के लिए भी यह चिंता का विषय है। लोगों को भी पारिवारिक तनाव कम करने की जरूरत है। ताकि वे आपस में सही से रह सकें।
हत्या की तीनों घटनाओं में बर्बरता व निर्ममता पूर्वक हत्या की गई है। जिसमें दो में सिर व गले में धारतार हथियार से हमला कर मौत के घाट उतारा गया है। तीसरी घटना तो और भी दर्दनाक रही है। जिसमें एक बुजुर्ग को सोते हुए अवस्था में जिंदा ही जला दिया गया। जिन दो घटना में पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा किया है। उनमें हत्यारें अपने ही खून थे,जिन्होंने जमीन व अन्य विवाद के चलते सगे रिश्तों का खून किया है। बाप का खून बेटा कर रहा है,दादा को पोता जिंदा जला रहा है। आखिर समाज में ये कैसी विकृति फैलती जा रही है। जहां अपने अपनों को अपना नहीं समझ रहे। जमीन,जायदाद,पैसा,गहने कुछ साथ नहीं जाने वाला है। जो है यही रह जाएगा,कोरोना काल के भीषण समय को लोग बहुत जल्द भूल गए है। जिनके लिए लोग मारामारी कर रहे है,वो काम नहीं आया था। काम आया था तो सिर्फ मानवता,अपनापन,जो किसी अनजाने से भी मिला था। अपनों से भी मिला था।
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