
कवर्धा
जिले के सुदूर वनांचल कुकदूर क्षेत्र में हुए हिरण के शिकार मामले का खुलासा हो गया है। घटना में शामिल तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। जिनके घर से और भी वन्यप्राणियों से संबंधित सामाग्री बरामद हुई है। वन विभाग की टीम को शक है कि इससे पहले भी इनके द्वारा वनप्राणियों का शिकार किया गया होगा। जिसके बारे में गहन पूछताछ की जा रही है।
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दरअसल एक दिन पहले वनांचल के ग्राम पंचायत नेऊर के जंगल में बीट क्रमांक 477 के समीप खेत में मादा चीतल का शिकार किया गया था। जिसके मांस को खाने के नियत से आरोपियों ने हत्या की थी। किसी को पता ना चले,इसलिए उसे झाड़ियों में छुपा दिए थे। चीतल के सिर में चोट के निशान से ये साफ हो गया था कि उसकी मौत स्वाभाविक नहीं बल्की सुनियोजित तरीके से की गई है। लिहाजा इस मामले को लेकर वन विभाग की टीम सोमवार सुबह से आरोपियों की तलाश में जुट गई थी। दुर्ग से डॉग स्कॉयड की टीम बुलाई गई थी,जिसे समय रहते सफलता मिल गई है।
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार तीन आरोपी पकड़े गए हैं। जिनमें चिंताराम परस्ते पिता धिराजी ,रोशन मरावी पिता मोहन सरजू परस्ते पिता जरहु का नाम शामिल है। इस मामले में शामिल आरोपियों के घर से वन्यप्राणियों के अन्य अवशेष भी जप्त हुई है। शिकार के लिए उपयोग किए गए दो कुल्हाड़ी, एक कील लगा डंडा जप्त किया है। साथ ही कछूए की कूबड़ ,बन्दर की खोपड़ी रोशन के घर से मिला है। वही चिंताराम परस्ते के घर से कील लगा डंडा मिला है। तीनों ने मिलकर चीतल को मारे है।
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