
कवर्धा-
जिले के भोरमदेव अभ्यारण्य में तीन दिवसीय तितली सम्मेलन 2025 का समापन हो गया है। भोरमदेव अभ्यारण्य, कवर्धा वनमंडल में आयोजित तितली संरक्षण एवं संवर्धन से संबंधित भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की गई।

इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। तीन दिवसीय सर्वेक्षण के दौरान प्रतिभागियों द्वारा भोरमदेव अभ्यारण्य के विभिन्न क्षेत्रों में 5 नई तितली प्रजातियां दर्ज की गईं। जिससे अब अभ्यारण्य क्षेत्र में पाई जाने वाली तितलियों की कुल संख्या 134 प्रजातियों तक पहुंच गई है। प्रतिभागियों को बैगा ग्राम का भ्रमण भी कराया गया, जहां उन्होंने स्थानीय समुदाय की परंपरागत पर्यावरणीय समझ और जैव विविधता संरक्षण के प्रयासों का अनुभव प्राप्त किया।

इस अवसर पर प्रतिभागियों एवं वन विभाग के अधिकारियों द्वारा नींबू पौधे (होस्ट प्लांट) का पौधारोपण किया गया। साथ ही प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह के रूप में नींबू पौधा प्रदाय किया गया। प्रतिभागियों को बैगा ग्राम का भ्रमण भी कराया गया, जहां उन्होंने स्थानीय समुदाय की परंपरागत पर्यावरणीय समझ और जैव विविधता संरक्षण के प्रयासों का अनुभव प्राप्त किया। कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा किए और तितलियों के संरक्षण में स्थानीय जनसहभागिता की भूमिका पर बल दिया। कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा किए और तितलियों के संरक्षण में स्थानीय जनसहभागिता की भूमिका पर बल दिया।

वनमंडलाधिकारी निखिल अग्रवाल ने बताया कि सम्मेलन से प्राप्त आंकड़े और अनुभव भविष्य में भोरमदेव अभ्यारण्य की तितली संरक्षण प्रबंधन योजना को और अधिक सुदृढ़ बनाने में सहायक सिद्ध होंगे। समापन कार्यक्रम के अवसर पर अनिता साहू, अधीक्षक भोरमदेव अभ्यारण्य कवर्धा, लाल सिंह मरकाम, परिक्षेत्र अधिकारी चिल्फी, अनुराग वर्मा, परिक्षेत्र अधिकारी भोरमदेव अभ्यारण्य कवर्धा, विक्रांता सिंह, प्रशिक्षु वनक्षेत्रपाल तथा भोरमदेव एवं चिल्फी के समस्त क्षेत्रीय अधिकारी, कर्मचारी एवं प्रभागीय अधिकारी मौजूद रहे।
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